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जानिए त्वचा में दिखने वाले बदलाव कैसे बन सकते है स्किन कैंसर की वजह ?
त्वचा का कैंसर यानि की जिसे स्किन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, वही ये कैंसर कई बार तो व्यक्ति को पता ही नहीं लगता जिस वजह से उनके द्वारा इस कैंसर को नज़रअंदाज़ किया जाता है। इसके अलावा बता दे की इस तरह का कैंसर व्यक्ति के लिए काफी खतरनाक माना जाता है । वही आज के लेख में हम स्किन कैंसर को कैसे पहचानेंगे इसके बारे में बात करेंगे, तो अगर आप भी जानना चाहते है स्किन कैंसर के बारे में, तो आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें;
स्किन कैंसर क्या है ?
- स्कीन कैंसर एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें त्वचा के टीस्सू में घातक या कैंसर की कोशिकाएं बनती है यानी जब त्वचा की कोशिकाएँ (स्किन सेल) असमान्य रूप से बढ़ने लगे तो उसे स्किन कैंसर कहते है। स्कीन कैंसर कई प्रकार के होते है, ये सामान्यतः त्वचा के उन हिस्सो मे होता है जो सूरज के किरणों के सम्पर्क मे आते है जैसे चेहरा, गर्दन, पैर और हाथ आदि।
- वही स्किन कैंसर की स्थिति कई वजह से बनती है, जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, रेडिएशन जैसे एक्स-रे का बार-बार होना आदि।
स्किन कैंसर के कारण क्या है ?
- ज्यादा देर सूर्य की रोशनी का चेहरे पर पड़ना।
- कोयला जैसे केमिकल्स के साथ त्वचा का बार-बार संपर्क।
- झाई या गोरी त्वचा, हल्के रंग की आँखें।
- अनियमित या एकाधिक तिल वाले लोग।
- स्किन कैंसर का पारिवारिक इतिहास रहना।
- जो लोग दवाइयां ज्यादा खाते है या दवाइयों के बल पर ही चलते है।
- जिन लोगों ने अल्ट्रावायलेट लाइट थेरेपी के उपयोग से सोरायसिस का इलाज करवाया हो।
स्किन कैंसर की पहचान क्या है ?
- तिल और फ्रेकल्स (झाइयाँ) में बदलाव का आना या स्किन से खून का आना।
- स्किन पर नई ग्रोथ का होना।
- स्किन पर ऐसे छाले जो ठीक न हो रहे हो।
- स्किन पर सख्त पैच होने पर स्किन का कठोर होना।
- स्किन के टेक्सचर में बदलाव का दिखना।
- स्किन का लाल होना या सूज जाना।
अगर आपमें भी उपरोक्त लक्षण नज़र आ रहे है तो इससे बचाव के लिए आपको समय रहते पंजाब में कैंसर डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।
स्किन कैंसर के प्रकार कितने है ?
- स्किन कैंसर के मुख्यतः तीन प्रकार होते है जैसे ;
- पहला है, “सैक्वमस सेल कार्सिनोमा” का स्किन कैंसर मुख्यतः त्वचा की ऊपरी परत को प्रभावित करते है।
- दूसरा है, “मेलानोमा” यह स्किन कैंसर सबसे घातक माना जाता है। क्युकि यह कैंसर जहा सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणें आसानी से नहीं पहुंच पाती वहा होते है, जैसे हथेली और तलवे।
- तीसरा है, “बेसल सेल कॉर्सिनोमा” यह त्वचा की सबसे निचली परत में होता है। स्किन कैंसर में इसके मामले अधिक सामने आते हैं हालांकि ये कैंसर पूरे शरीर में नहीं फैलता है।
अगर आप भी उपरोक्त में से किसी भी तरह के स्किन कैंसर से ग्रस्त है तो इसके लिए आपको लुधियाना में कैंसर अस्पताल के संपर्क में आना चाहिए।
स्किन कैंसर के लिए बेहतरीन क्लिनिक !
- अगर आपके स्किन में भी उपरोक्त संकेत नज़र आ रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको डॉ बिंद्रा कैंसर क्लिनिक का चयन करना चाहिए। वही इस क्लिनिक में अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा आपके स्किन की जाँच की जाएगी, उसके बाद सर्जरी के प्रक्रिया की शुरुआत होगी।